स्वच्छ भारत अभियान में नागरिक एवं समाज की भूमिका
जैसा
कि  हम सबको
 विदित  है दिनांक 15 अगस्त
 2014 को हमारे  देश  के
 प्रधानमंत्री  श्री  नरेंद्र  मोदी  जी  ने
 दिल्ली  के  लाल  किले  में  आयोजित किए  गए स्वतंत्रता  दिवस  के
 समारोह  के  उपलक्ष्य  में  भारतीय  जनता  को
 सभोदित  करते
 हुए  स्वच्छ  भारत  अभियान  की  मुहीम  का
नीव रखा।  इसी  संदर्भ  में  दिनांक  2  अक्टूबर  2014  को गांधी  जयंती  के
अवसर  पर स्वच्छ  भारत  अभियान  का  आगमन  हुआ।
हालांकि
 पिछली  सरकारों ने  भी  इससे  मिलती  जुलती  नीति
 बनाई  परंतु बहुत  ही  कम  लोग  इस  बात से
 वाकिफ  हैं जिनमे कुछ  दिनों  पहले  तक  मै भी
शामिल  थी। जिस  प्रकार  मोदी  जी  ने  इस
 मुहीम  का विभिन्न माध्यमों  से  प्रचार  किआ  है
 एवं  जनता  को  जागरूक  किआ  है,
 वह  सराहनीय है  तथा प्रेरणादायी  भी  है।  
देश  को  स्वच्छ  बनाने की  होड़ में  तरह  तरह  की  नीतियां , विधियां , कार्यक्रम, इत्यादि अमल  कराई  जा  रही
 हैं। सरकारी  उपक्रमों  में  आयोजित स्वच्छ भारत पखवाड़ा उनमें  से  एक
 है।  परंतु  सवाल  यह  उठता  है  की
 क्या  इस  अभियान  को सफल  बनाने में  केवल
 सरकार  का  ही  पूर्ण  उत्तरदायित्व  एवं
 ज़िम्मेदारी  है ? आज जितने  भी  देश  भारत  से
 हर  माइने  में  उच्च  हैं,
 उनके  विकास  एवं  प्रगती  में  उस  देश
 की  जनता  का  बहुमूल योगदान  है। बाहर  देशों
 में  जाकर  हम भारतवासी  वहां  की
 स्वच्छता
 की  तारीफ  करते  नही  थकते। विदेश  में
 उनके  कानूनों  का  बराबर  पालन  करते  हैं । भारत
की विदेश  से  तुलना  करते  हैं एवं अपने  ही  देश
 में  फैली  गंदगी , स्वच्छता
 के  अभाव  के  लिए  सरकार  को  दोषी
 मानते  हैं। क्या  समाज  की,
इस  देश के  हर  नागरिक  की
 कोई  ज़िम्मेदारी  नहीं? है।
 बिल्कुल ज़िम्मेदारी  एवं  जवाबदेही  भी  है। 
इस देश  के  हर
 नागरिक  का  ये  फ़र्ज़  बनता  है  कि  वह अपने  घर  को  ही
 नही ,  अपने
 आस-पड़ोस
, अपने
नगर -वातावरण  को  स्वच्छ  रखने  में  जितना  हो
 सकता  है  उतना
योगदान दे।  गंदगी  को  ना  फैलाये , कूड़ेदान  में  ही  कचरा  फैंके तथा अपने
 परिवार  एवं अपने
 बच्चों  को  सफाई  की  तरफ  जागरूक  एवं
 प्रेरित  करे।
 स्वच्छता  ही  अच्छे  स्वास्थ्य  का एक  महत्वपूर्ण
 अंग  है। अगर  हमारा  वातावरण  स्वच्छ  है, हवा  पानी  साफ  है, तो उसका  सीधा  असर  हमारे
 स्वास्थ्य  पर पड़ता  है।  अगर  हम छोटी  उम्र  से
 ही  बच्चों के  मन  में
 ये विचार  एवं  मूल्य डालेंगे  तभी  उनका और हमारी आने वाली पीड़ी का भविष्य
 सुरक्षित  होगा। इस  अभियान  को  सफल  बनाने
 में  युवा  वर्ग  की  भी एहेम भूमिका  है। युवा  वर्ग  में
 देश  के  प्रति  प्रेम है ,
देश  को
 उन्नति  के  पथ  पर ले  जाने  की  श्रमता
 है  एवं  शिक्षित  युवा  वर्ग  इस अभियान के देश
 पे  होने  वाले  प्रभाव
 को  भली  भांती  जानती। आज के युवा आशावादी  भी  हैं। 
एक
बहुत  प्रचलित  कहावत  है  कि -
“बूंद  बूंद  से  ही  सागर  भरता  है”।  सच ही तो है, अगर
 इस  देश  का  हर  नागरिक स्वच्छता  की  ओर
 सचेत  रहे  तथा  अपनी भूमिका  की  तरफ  सजग
 रहे,
 तो वे  दिन  दूर  नही  जब भारत  का  “क्लीन
इंडिया -ग्रीन  इंडिया”  का  सपना  साकार  होगा।  
 
Comments
Post a Comment