"सपने देखने का हक़ सबका "
मन की बात : चित्र बोलते हैं : पंजाब राज्य कार्यालय में १-१५ सितम्बर के दौरान आयोजित हिंदी पखवाड़े में मन की बात प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी। जो कविता मैंने वहाँ लिखी उसी को यहाँ प्रस्तुत किया है। "सपने देखने का हक़ सबका " पहला पहलू : गरीब लड़की का: इस चित्र में सबसे पहले नज़र गयी वह थी एक मासूम सी लड़की नाम रखना चाहूंगी ज्योति , पीले वस्त्र पहने उम्र लगभग ४-५ वर्ष , साधारण से भी कम जीवन व्यतीत करती लगती ज्योति | यूँ तो आँगन में ख़ुशी ख़ुशी पिता की गोद में है लगती बैठी हुई , परन्तु उसके चेहरे और आँखों से उसके मन की उदासी की झलक ...